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दिन के उजियारे में

दिन के उजियारे में तो यूँ ही अपने मिल जाया करते हैं तलाश अक्सर हमे काली अंधेरी रातों में साथ चलने वालों की होती है ....

#हवा #है #हवा #है #बसंती #हवा #है

हवा है हवा है बसंती हवा है राह खुद की वो बनाती चलती है कभी तेज होती है कभी  धीमे सरकती है जो रह कर राह में अकड़  दिखता है साथ उसे ले बढ़ती है हवा है हवा है बसंती हवा है ....... 

#तुझे #देखने #की #चाहत #नही #मुझको

तुझे देखने की चाहत नही मुझको न जाने फिर भी बेकरारी बढ़ जाया करती है क्यो तुमसे दिल लगाने की चाहत नहीं मुझको फिर भी ये गुस्ताखी हो जाया करती है क्यों हर बार तुझसे दुरी बनता हूँ मैं  फिर भी ये फासले घट जाया करती है क्यों ये हकीकत है या अफसाना समझ पता नहीं फिर भी समझने की जिद कर जाया करता हूँ  क्यों तुम्हारे नखरों की झोली है भरी पारी  फिर भी और बढ़ जाया करती है क्यों तुम्हारे यादों को मिटाने की कोसिस करता हूँ मैं फिर न जाने तस्वीरें तुम्हारी बन जाया करती है क्यों तुम्हारी बातों को भूल जाने की ख्वाइश करता हूँ मैं फिर भी बे इम्तहान तसरीफ लाया करती है क्यों .... 

#नजरों के #सामने

आजा तू एक बार नजरों के सामने मेरे, बित गए दिन सेकड़ो बस  याद  में तेरी आजा देखु मैं तेरी वो हलकट सी अदाए  फिर से सवारूँ मैं रेशमी बालो को तेरी आजा एक बार फिर नजरो के सामने तू मेरे .....  

ता थैया त थैया

खुश है तू खुश हूँ मैं ये खुशियों की क्यारी है ये अत्यंत न्यारी है कोई झूमे इसमे थैया-थैया कोई झूमे पकर के बाईयां मैं तो झुमु ता थैया ता थैया ओ मेरे भैया ......

#वो #बात कहाँ है #गैरो में

वो बात कहाँ है गैरों में जो बात है अपने पैरों में वो पग-पग मांगते बही सही हम शांत खरे होते वहीं ,  बेशक वो बात कह है गैरों में जो बात है अपने पैरों में ।  यदि दो पग चल कर कांटो पर अपना वर्चस्व बढ़ जाता है सम्मान भरा जीवन मिलेगा स्वाभीमानी भी कहलाएगा फिर सोचना बात पुराना नया दौर है ये नया जवाना ......

#इंतजार में

इंतजार में हूँ आपके जरा नजर भी आईये वक्त  है काफी गुजर गया अब ठहर जाईये ....