आजा तू एक बार नजरों के सामने मेरे, बित गए दिन सेकड़ो बस याद में तेरी आजा देखु मैं तेरी वो हलकट सी अदाए फिर से सवारूँ मैं रेशमी बालो को तेरी आजा एक बार फिर नजरो के सामने तू मेरे .....
बेकरार ऐ दिल को करार आप से मिलता है , हम चीज क्या है मोहतरमा मेरा हर साँस आप से ही जुड़ा है , ख्वाइस थी अस्तित्व अपनी बनाये रखने की पहचान अपना संजोये रखने का , पर मुकम्मल होना संभव नही सायद शर्तो की इस आजादी में , खैर अस्तित्व भी तो साँसों की मोहताज है साँसे भी तो आप से ही चलती है हमारी ...।
Comments
Post a Comment