कुछ बात थी ।
कुछ बात थी कुछ बात थी उनमें कुछ बात थी मुझ में, फिर भी कुछ खामियां ख़ास थी हम में, वो हमें समझते थे हम उन्हें समझते थे, फिर भी छुपी हुई सायद कुछ राज थी हम में ।
Shayari , Poetry and many more visit regularly .