खुश है तू खुश हूँ मैं ये खुशियों की क्यारी है ये अत्यंत न्यारी है कोई झूमे इसमे थैया-थैया कोई झूमे पकर के बाईयां मैं तो झुमु ता थैया ता थैया ओ मेरे भैया ......
बेकरार ऐ दिल को करार आप से मिलता है , हम चीज क्या है मोहतरमा मेरा हर साँस आप से ही जुड़ा है , ख्वाइस थी अस्तित्व अपनी बनाये रखने की पहचान अपना संजोये रखने का , पर मुकम्मल होना संभव नही सायद शर्तो की इस आजादी में , खैर अस्तित्व भी तो साँसों की मोहताज है साँसे भी तो आप से ही चलती है हमारी ...।
Comments
Post a Comment