Shayari and love 1

न जाने क्यों ।

Shayari and love 1
Shayari and love 1

न जाने क्यों तुम दूर हो फिर भी पास लगते हो ,

जब भी तुम्हे तलाशता हूँ दुनियाँ के कोने में अक्सर दिल के पास दिखते हो ।

न जाने क्यों तुम दूर होकर भी पास लगते हो ।


【 नवनीत सूर्यवंशी 】

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