नूर है इश्क़ की ।


नूर है इश्क़ की बिछड़ कर भी अपनी है ,

चाँद हो रौशन उनकी फ़रमाइश बस इतनी हमारी है...।

Comments

Popular posts from this blog

जब कभी तुम्हारी याद सताती है ।

दोस्ती ।

भाग मत कर सफ़र ।