वो बारिश की बूंदों जैसी ।
वो बारिश की बूंदों जैसी ,
बून्द-बून्द बरस कर ,
मन में प्रेम फैलाती है ।
बून्द-बून्द बरस कर ,
मन में प्रेम फैलाती है ।
खुद को न्योछावर करके ,
साजन को हर्षाती है ।
साजन को हर्षाती है ।
वो सागर जैसी नयनों वाली
हृदय में प्रेम बिगुल बजाती है
हृदय में प्रेम बिगुल बजाती है
वो बारिश की बूंदों जैसी स्वर में संगीत सुनाती है ....।
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