शब्दो मे हमारी मोहब्बत ।



वो शब्दो मे हमारी मोहब्बत ढूंढती रही ,
हम भी कितने पागल थे ।
दिल को हमारे समझ जाएगी ,
आज नही तो कल सोचते रहे ।

खैर वो दिन भी थी और रात भी अपनी ,
अब तो दिन भी न रहा रात उनकी हो गयी ।

माना कि काबिल नही बन पाया उसके ,
दिल के पास भी नही रह पाया उसके ।
पर बात पुरानी और सच्ची है ,
दिल साजन का सिर्फ उसकी और पक्की है ...।

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