प्रकोप प्रचंड पानी का ।
प्रकोप प्रचंड पानी का हो आया है, वृक्षो का अब अहमियत समझ आया है , पीने का जल जब दूर बहाया था तब संकट कुछ समझ न आया था , दौर नया अब आया है बून्द-बून्द को जब तरसाया है ...।
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